देह व्यापार से जुड़कर मामूली मिस्त्री बना अरबपति। बाप गरीब था लेकिन मेहनत करके परिवार को पालता रहा। लेकिन आफाक को गरीबी मंजूर न थी। पच्चीस साल पहले वो दिल्ली पहुंचा तो पेट पालने के लिए उसने बेलदारी का काम शुरू किया। थोड़े दिनों में राजमिस्त्री बन गया लेकिन पैसों की चाहत ने उसे अंधा कर दिया था। तो लड़कियों को सेक्स की मंडी( GB रोड) में बेचना शुरू कर दिया। और देखते-देखते कच्चे मकान में रहने वाला बेलदार आलीशान कोठियों का मालिक बनता चला गया।

आफाक मूल रुप से उझारी का रहने वाला है उझारी के लोगों का कहना है कि करीब 25 साल पहले आफाक बाकरी मजदूरी करने दिल्ली गया था उसकी उम्र 20 साल थी। करीब पंद्रह सालों तक तो आफाक गांव की ओर पलटा ही नहीं। वह दिल्ली में मजदूरी करता था। लेकिन दस साल पहले से उसकी आर्थिक स्थिति बहुत तेजी से बदली।

उझारी के लोगों का कहना है कि आफाक का बड़ा भाई अखलाक गांव में रहता है, छोटी बहन की शादी संभल के पास सिरसी कस्बे में हुई है। पिछले दस साल में आफाक ने गांव में करीब सौ बीघा जमीन खरीदी। कई बाग खरीद लिए और बाप के नाम पर आलीशान हवेली गांव में खड़ी कर दी। वह कार से चलता है। पूरे इलाके में उसकी गिनती मालदारों में होती है। गांव में भाई के लिए हवेली, जमीन और बाग खरीदकर देने वाले आफाक ने दिल्ली के पॉश इलाकों में कई अलीशान कोठियां, फार्म हाऊस और होटल बना लिए। गांव वाले सोचते थे रातोंरात इतनी रकम कहाँ से आई। अब दिल्ली पुलिस ने आफाक और उसकी पत्नी सायरा को गिरफ्तार किया तो पता चला कि ये पूरी रकम सेक्स के गंदे धंधे से इकट्ठा गई थी।

पिछले दस सालों में जब आफाक बाकरी की आर्थिक स्थिति तेजी से सुधरी तो गांव वालों ने आफाक का कामकाज पूछना शुरू किया तो इकबाल और उनकी पत्नी अमीर जहां ने कहा कि बेटा दिल्ली में प्रापर्टी का काम करता है

अपनी बहनों की शादी उसने खुद की और भांजे-भांजियों की शादी पर भी दौलत लुटाता रहा। गरीब-मजबूर लड़कियों को सेक्स की मंडियों में बेचकर वह अपने लिए ऐश ओ आराम की जिंदगी बुनता चला गया। लेकिन उसकी करतूत ने उसे आखिरकार जेल में पहुँचा ही दिया।

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