संभोग की शुरुआत का पता लगा लिया वैज्ञानिकों ने, वैज्ञानिक भी हो गए हैरान , वैज्ञानिकों को यक़ीन है कि उन्होंने संभोग की उत्पत्ति का पता लगा लिया है। शोधकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय दल का कहना है कि माइक्रोब्रेशियस डिकी नाम की मछली वह पहली जंतु है जिसने अंडे देना बंदकर सेक्स के ज़रिए प्रजनन शुरू किया।
प्रोफ़ेसर लॉंग के अनुसार एक दिन वह प्राचीन मछलियों के जीवाश्मों के बक्से को देख रहे थे कि उनका ध्यान एम डिकी मछली के एल (L) आकार के एक उप-अंग की ओर गया। बाद में शोध से पता चला कि यह नर मछली का जननांग था। दूसरी ओर मादा मछली के शरीर के पीछे की तरफ़ एक छोटा सा हड्डी का ढांचा था जिसमें नर का जननांग अटक जाता था।
उनकी शरीर रचना के हिसाब से संभवतः इन मछलियों को अग़ल-बग़ल रहकर संभोग करना होता था।डॉक्टर लॉंग के अनुसार इस स्थिति में बने रहने के लिए छोटे हाथों जैसे फ़िन यानी पख इनकी मदद करते थे। आश्चर्यजनक रूप से शोधकर्ताओं का मानना है कि आंतरिक निषेचन की यह पहली कोशिश बहुत देर तक नहीं चल पाई।
जैसे-जैसे मछलियों का विकास हुआ वे फिर से अंडों से प्रजनन की ओर लौट गईं। सेक्स को वापस आने में फिर कई लाख साल लग गए, जो फिर शार्क और रे मछलियों के पूर्वजों में दिखा। ब्रिटेन के ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के डॉक्टर मैट फ्रीडमैन ने इस शोध को लेकर कहा, “प्लेकॉडर्म समूह (जिसमें माइक्रोब्रेशियस डिकी मछली आती है) एक जाना पहचाना जंतु समूह है यह दुनिया के दूसरे छोर में नहीं स्कॉटलैंड में ही मिला है।” “अजीब बात यह है कि अभी तक इस ओर हमारा ध्यान नहीं गया।”
क़रीब आठ सेंटीमीटर लंबी यह आदिम पतली सी मछली 3850 लाख साल पहले प्राचीन झीलों में रहती थी, जो अब स्कॉटलैंड में है। यह शोध ‘नेचर’ जर्नल में छपा है। शोध के मुख्य लेखक, ऑस्ट्रेलिया के फ़्लिंडर्स विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर जॉन लॉंग, कहते हैं, “हमने विकास क्रम के उस बिंदु को दिखा दिया है जहां से सभी जंतुओं में आंतरिक निषेचन की प्रक्रिया शुरू हुई।”