समझाने के बाद दूल्हा लड़की को लेजाने को राज़ी तो हो गया लेकिन रास्ते में दूल्हे और उसके घर की महिलाओं ने दहेज कम मिलने की उलाहना देते हुए खरी खोटी सुनानी शुरू कर दी। जब जेवर उतारने की कोशिश की गई तो वह भड़क गई। उसने कार नयापुल पर रुकवा ली और फोन कर भाइयों को बुलवा लिया। परिवार के लोग मौके पर पहुंचे और दूल्हा-दुल्हन को बारातशाला वापस ले आए।
बारात घर वापस आकार मौलवी को बुलवा कर लड़की और लड़के का तलाक करा दिया गया। लेकिन मामला तब भी शांत नहीं हुआ। हालांकि तलाक के बाद मेहर की रकम अदायगी पर विवाद हो गया। दूल्हे पक्ष ने तीन लाख रुपये के पांच सौ और हजार के पुराने नोट थमाए तो दुल्हन पक्ष ने लेने से इनकार कर दिया। इस पर दुल्हे पक्ष को बंधक बना लिया गया। कहा गया कि सिकंदरा से नए नोट लाने तक सभी बंधक रहेंगे।
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