बागपत : शौहर के बीवी को तलाक देने की बात आम है, लेकिन यहां मसला उल्टा है। यहां एक बीवी ने अपने शौहर को तलाक दे दिया, वो भी पंचायत के बीच। विदाई के बाद दहेज की मांग की गई। पंचायत बैठी। बीवी ने फोन पर ही शौहर को तीन बार तलाक बोल दिया। फोन भरी पंचायत में किया गया था। पंचायत के कहने पर शौहर को भी तलाक बोलना पड़ा। दहेज मांगने पर पंचायत ने लड़के पक्ष पर 2.75 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।उप्र के बागपत के दाहा गांव की मोहसिना का निकाह 21 जुलाई को भगवानपुर नांगल गांव के सत्तार के बेटे आरिफ के साथ हुआ। निकाह के दौरान ही दोनों पक्षों में किसी बात को लेकर कहासुनी हुई। उस समय मामला शांत हो गया। आरोप है कि लड़की विदा होकर ससुराल पहुंची तो उसके सामने दहेज में कार की मांग रख दी गई। घर वालों को गालियां दी गईं। लड़की की मां अनवरी बेगम रिश्तेदारों को लेकर नांगल गईं और लड़के के परिवार को समझाने की कोशिश की। बात नहीं बनी तो रात में ही मोहसिना को लेकर मां वापस घर आ गईं।

उलेमा की राय अलग-अलग
बड़ौत के शहर इमाम मौलाना आरिफ-उल-हक का कहना है कि दहेजलोभियों को सबक सिखाना चाहिए। दाहा की जामा मस्जिद के मौलाना मोहम्मद फरमान का कहना है कि फोन पर दोनों ने एक-दूसरे की आवाज सुनकर और पहचान कर ही तलाक बोला है, जो मान्य है। लेकिन, देवबंदी मुफ्तियों का कहना है कि इस्लाम में बीवी सीधे तौर पर तलाक नहीं दे सकती है। फतवा आन मोबाइल सर्विस के चेयरमैन व वरिष्ठ मुफ्ती अरशद फारुकी का कहना है कि बीवी द्वारा शौहर को तीन बार तलाक कह देने से तलाक नहीं होता। दारुल इल्म के मोहतमिम मुफ्ती आरिफ उस्मानी का कहना है कि औरत को तलाक देने का हक नहीं है। उसे शरई दारुल कजा में तलाक के लिए केस करना होगा।

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