अब किसी को नहीं सताएगा लकवा, वैज्ञानिकों ने खोजा तरीका , स्विस वैज्ञानिकों ने रीढ़ की हड्डी की चोट वाले बंदरों पर शोध के बाद बड़ी कामयाबी हासिल की है। लकवाग्रस्त इन बंदरों में ब्रेन-स्पाइन इंटरफेस लगाने के बाद वे बंदर लकवाग्रस्त अंगों को हिलाने-डुलाने में कामयाब हो गए।

इस शोध से उत्साहित वैज्ञानिकों का दावा है कि एक दिन इस तकनीक से लकवाग्रस्त इंसान भी चल-फिर सकेंगे। वैज्ञानिकों ने कहा कि उन्होंने कंपोनेंट्स का इंसानों पर परीक्षण करने के लिए अध्ययन शुरू कर दिया है। इसके लिए उन्होंने बंदरों में न्यूरोप्रोस्थैटिक इंटरफेस लगाया, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के बीच एक वायरलेस पुल के रूप में काम करता था। इसकी मदद से बंदरों के अंगों ने हिलना डुलाना शुरू कर दिया।

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