इनकी दिक्कत यह होती है कि ये प्यार जैसी चीज़ के लिए बहुत ही ज़्यादा महत्वाकांशी होते हैं। इनके दिमाग में चलता रहता है कि जो अभी कर रहे हैं, उसका आगे क्या परिणाम होगा। ये अपने क्रश के साथ भी अपना भविष्य सोचने लगते हैं।
ये इंसान के बारे में जो धारणा बना लेते हैं, उसी धारणा के अनुसार उसे प्यार करने लगते हैं। कई बार वो इंसान ऐसा नहीं निकलता जैसा ये सोचते हैं। इस तरह ये सच्चाई को नजरंदाज कर देते हैं। बुरे अनुभव प्यार से इनका भरोसा नहीं उठाते। ये बस मान लेते हैं कि वो इंसान ही गलत था। इन्हें पता होता है कि ये किसी को आगे भी बहुत प्यार दे सकते हैं।