अभी तक पुलिस की पकड़ में जितने भी गिरोह सामने आए हैं उनसे पूछताछ में यही तथ्य पाए गए हैं कि पति ही भाई और चाचा बनकर बीबी की शादी किसी और से करवा देते हैं। ये ऐसे पुरुषों की तलाश में रहते हैं, जो उम्रदराज हो गए हैं और उनकी शादी नहीं हो रही है या तलाकशुदा, विधुर हो। जमीन-जायदाद या सरकारी नौकरी वाले दिव्यांग भी इनके निशाने पर होते हैं। गिरोह मैरिज ब्यूरो और बिचौलियों की मदद से ऐसे परिवारों तक पहुंचते हंै और आसानी से विश्वास में ले लेते हैं।
जांच में पता चला है कि हर गिरोह शादी कराने के लिए रुपयों की मांग करता है। वह खुद को आर्थिक रूप से असमर्थ बताकर दूल्हे के परिवार से रुपयों की मांग करते हैं। वे 50 हजार से 2 लाख रुपए शादी की तैयारियों के ले लेते हंै। इसके बाद गिने-चुने लोगों के बीच विवाह किया जाता है।