मर्दानगी की दवा छीन लेगी आंखों की रोशनी, शोध , हृदय की बीमारियों से पीडि़त वह लोग सचेत हो जाएं जो  सेक्स क्षमता बढ़ाने वाली दवाएं भी लेते हैं। एक शोध से पता चला है कि इन दवाओं से आंखों की रोशनी जाने का खतरा बढ़ जाता है।

बर्मिघम स्थित अलबामा विश्वविद्यालय के शोधकर्ता डा ग्रेराल्ड मैकग्विन की एक शोध रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि जो व्यक्ति दिल के दौरे के शिकार हो चुके हैं और सेक्स क्षमता बढ़ाने वाली दवाएं लेते हैं उनकी आंखों की तंत्रिका (आप्टिक नर्व) के नष्ट होने का खतरा 10 गुना बढ़ जाता है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ आफ्थेलमोलॉजी में छपी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि  सेक्स क्षमता बढ़ाने वाली वियाग्रा और सियालिस जैसी दवाएं लेने वाले मायोकार्डियल इनफेक्शन (दिल का दौरा) से पीडि़त लोगों में नान आर्टिरिटिक एंटीरियर इसचैमिक आप्टिक न्यूरोपैथी (एनएआईओएन) होने की आशंका होती है। ज्ञात हो 50 की उम्र वालों में एनएआईओएन की आशंका अधिक होती है क्योंकि इसमें आंख की तंत्रिका (आप्टिक नर्व) के नष्ट होने का खतरा अधिक होता है, जिस कारण हमेशा के लिए आंखों की रोशनी जाने का खतरा बढ़ जाता है।

सेक्स क्षमता बढ़ाने वाली एक अन्य दवा सियालिस बनाने वाली इली लिली कंपनी ने अभी इस शोध पर अपनी कोई राय जाहिर नहीं की है। मैकग्विन और उनके सहयोगियों ने बताया कि हृदय की बीमारी और उच्च रक्त दाब से ग्रसित मरीजों में एनएआईओएन का खतरा होता है इसलिए लोगों को इस बारे में जानकारी होनी चाहिए। मैकग्विन ने बताया कि इतने बडे़ पैमाने पर लोग इस दवा का प्रयोग कर रहे हैं, अगर एनएआईओएन होने की बात की पुष्टि होती है तो आने वाले समय में इस प्रकार के मामले अपने आप सामने आएंगे।

ज्ञात हो कि वियाग्रा के बाजार में आने के बाद एक करोड़ लोग इस दवा का उपयोग कर रहे हैं। पिछले वर्ष मई में अमेरिकी खाद्य व दवा प्रशासन ने संयुक्त राष्ट्र को बताया था कि  अब तक एनएआईओएन से संक्रमित होने के 40 ऐसे मामले सामने आए हैं जिन्होंने सेक्स क्षमता बढ़ाने वाली दवाएं ली थीं। उधर, वियाग्रा बनाने वाली फाइजर कंपनी ने कहा उसके 13 हजार मरीजों के 103 चिकित्सीय परीक्षणों में अभी तक किसी के एनआईओएन से संक्रमित होने का कोई मामला नहीं मिला है।

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