22वीं सदी के इस युग में पूरी दुनिया तकनीक के उपर निर्भर हो गई है। अपनी परंपरा और प्रकृति के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हम भारतीय लोग भी हर छोटे काम के लिए विज्ञान के आविष्कारों पर आश्रित हो गए हैं। ऐसे में अगर कोई प्रकृति की बात करता है और अपनी जिंदगी में उसे अपनाता है तो ये बात किसी अजूबे से कम नहीं है। लेकिन इंग्लैंड के ब्राइटन शहर के रहने वाले एक जोड़े ने ऐसा ही करने की सफल कोशिश की है। 32 साल की ऐडले और 33 साल के उनके पति मैड की शादी कुछ साल पहले हुई है। शादी के बाद दोनों ही प्राकृतिक तरीकों को अपनी दिनचर्या में रखने के लिए राजी हो गए। शादी के बाद ऐडले जब पहली बार मां बनीं तो उन्होंने अस्पताल में अपना प्रसव करवाने से इंकार कर दिया और अपने पति की मदद और इंटरनेट से जानकारी एकत्रित करके उन्होंने सामान्य तरीके से ही अपने बेटे उलेसिस को जन्म दिया। लेकिन जन्म के बाद ऐडले ने निर्णय लिया कि वो अपने बेटे की देखभाल भी प्राकृतिक तरीके से ही करेंगी। ऐडले ने अपने बेटे को अपने दूध के अलावा दूसरी कोई भी बाहरी चीज खाने-पीने को नहीं दी। मौजूदा समय में ऐडले अभी 5 साल को हो गया है और वो अभी भी अपनी मां का ही दूध पीता है।
ऐडले बेटे को अपना दूध दवाई के तौर पर पिलाती है। ऐडले की एक बेटी भी है जो अभी 1 साल की है और ऐडले उसे भी अपना दूध पिलाकर ही बड़ा करेंगी। ताज्जुब की बात तो ये है कि ना तो प्रसव के दौरान ऐडले को किसी भी प्रकार की बाहरी दवाई या डॉक्टर की जरूरत पड़ी और ना ही उनके दोनों बच्चों ने अभी तक कोई दवाई ली है। ऐडले और मैट तो अपने बच्चों की पढ़ाई भी इसी तरीके से करवा रहे हैं।