स्तनपान कराने से न सिर्फ नवजात और मां के बीच भावनात्मक जुड़ाव होता है बल्कि यह बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए भी जरुरी है।

इससे मां को प्रसव के बाद होने वाली कई समस्याओं से भी निजात मिलती है। जैसा की सब जानते है कि स्तनपान मां और बच्चे दोनों के लिये अत्यंत गुणकारी है। डॉक्टरों का भी मानना है कि अगर बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराया जाये तो नवजातों को मरने से बचाया जा सकता है।

जन्म के तुरंत बाद स्तनपान कराने वाली महिलाओं के गर्भाशय में संकुचन की प्रक्रिया जल्दी होती है जिससे प्रसव के बाद रक्तस्राव पर नियंत्रण में मदद मिलती है। इससे मां को प्रसव के बाद होने वाली कई समस्याओं से भी निजात मिलती है।

प्रसव के बाद आम तौर पर महिलाओं का वजन बढ़ जाता है और दिनचर्या में बदलाव के कारण कई महिलाओं में अवसाद की स्थिति भी पैदा हो जाती है।

ऐसे मामलों में स्तनपान कराना काफी लाभकारी सिद्ध होता है। इसके अलावे स्तनपान कराने से न सिर्फ नवजात और मां के बीच भावनात्मक जुडाव होता है बल्कि यह बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए भी जरुरी है।

एक रिसर्च के अनुसार, मां के दूध में जरूरी पोषक तत्व जैसे एंटीबॉडीज, लिविंग सेल्स, एंजाइम्स और हार्मोन्स बिलकुल सही अनुपात में होते हैं जिसे नवजात का सम्पूर्ण विकास होता है। साथ ही स्तनपान कराने से माँ को भी मोटापे, अवसाद, कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है।

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