सीरिया में लगातार हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अभी तक वहां बंदुकों, तोपों और लड़ाकू विमानों से सरकार और विद्रोहियों के बीच लड़ाई हो रही थी। लेकिन अब तो यह लड़ाई रसायनिक हथियारों से हो रही है। बीबीसी के अनुसार सीरिया के एक शहर सराकेब में एक डॉक्टर और बचावकर्मियों का कहना है कि वहां पर कथित तौर पर क्लोरीन गैस से भरे बैरल गिराए गए हैं। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि इसके पीछे ज़िम्मेदार कौन है।
यह हमला इदलिब प्रांत के साराक़ेब में हुआ जहां विद्रोहियों ने रूसी सेना का हेलीकॉप्टर को मार गिराया था।

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इस घटना में क़रीब 30 लोग प्रभावित हुए हैं जिनमें अधिकतर बच्चे और महिलाएं हैं। क्लोरीन गैस से प्रभावित लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है और उनके मुंह से ख़ून निकल सकता है।

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सराकार और कुछ विद्रोही गुटों ने एक दूसरे पर रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का आरोप लगाया गया है, जिसे उन्होंने ख़ारिज किया है।
सराकेब में काम करने वाले डॉक्टर अब्दुल अज़ीज़ बारी ने बीबीसी को बताया कि सोमवार देर शाम शहर पर क्लोरीन गैस के दो बैरल गिराए हए हैं।
उन्होंने कहा, “हमें पता है कि यह क्लोरीन है क्योंकि हम पर पहले भी इस तरह का हमला हुआ है और हम इसकी गंध और इसके लक्षण पहचानते हैं। हमारे पास इसके 28 मामले आए हैं जिनमें ज़्यादातर महिलाएं औऱ बच्चे हैं।” सीरिया सिविल डिफेंस के एक प्रवक्ता ने रॉयटर्स समाचार एजेंसी को बताया है कि इस हमले में 33 लोग प्रभावित हुए हैं।

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