मन्नत पूरी करने के लिए लोग यहां चढ़ाते हैं सिगरेट!

]\मन्नत पूरी करने के लिए लोग यहां चढ़ाते हैं सिगरेट। जी हां लोग यहां धूप या अगरबत्ती नहीं लगाते, बल्कि चढ़ाते हैं सिगरेट और वो भी जलाकर। चौंक गए ना आप भी लेकिन ये खबर सच है, खास बात ये है कि ये मज़ार किसी मुस्लिम की नहीं बल्कि एक ‘ईसाई’ की है।  लखनऊ के मूसा बाग में स्थित यह मजार लोग के बीच बहुत  इस मज़ार पर अपनी मन्नत के लिए सिगरेट जलते हैं।

इस मजार को ‘कप्तान साब की’ या ‘सिगरेट बाबा की’ की मज़ार के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू और मुसलमान दोनों ही समुदाय के लोग यहां हर गुरुवार को बहुत से लोग अपनी मुराद को लेकर आते हैं।

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मुराद पूरी होने के लिए यहां सिगरेट चढ़ाई जाती है। क्योंकि कप्तान वेल्स को सिगरेट बहुत पसंद थी। लोगों का मानना है कि सिगरेट चढ़ाने पर वेल्स खुश हो जायेंगे और उनकी मुराद पूरी करेंगे।

1857 के स्वतंत्रता संग्राम के समय मूसाबाग में अंग्रेज सैनिकों और भारतीय क्रांतिकारियों के बीच युद्ध हुआ, जिसमें अंग्रेज़ी सैनिकों का नेतृत्व ‘कैप्टन वेल्स’ कर रहे थे और भारतीय विद्रोहिंयों का नेतृत्व ‘मौलवी अहमद उल्लाह शाह’। इस युद्ध में अंग्रजों ने भारतीय विद्रोहियों को हरा तो दिया, लेकिन कैप्टन वेल्स की मौत हो गई। वेल्स के एक सैनिक मित्र ने उन्हें ‘मूसा बाग’ के पास खेतों में दफऩा दिया था।

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आज भी वहां कब्र पर वेल्स का नाम और उनके मृत्यु की तारीख लिखी हुई है।कप्तान वेल्स को संत का दर्जा कैसे मिला इस बारे में तो लोगों को पूरी तरह से तो जानकारी नहीं है, लेकिन उनके प्रति लोगों की आस्था काफी है।

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