भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं, यहां सभी धर्म के लोग रहते हैं, सभी के वेशभूषा भी अलग- अलग हैं, साथ ही पूजा करने के भी तरीके अलग -अलग हैं, भारत ऐसा देश हैं, जहां लोगों की आंख मंदिर के घंटे और नमाज की अजान से खुलती है। तरह-तरह की आस्थाओं और परंपराओं वाले इस देश में अब तक आपने मज़ारों पर अगरबत्ती और चादर चढ़ाते देखा होगा ।लेकिन क्या आपने यह सुना हैं या देखा हैं मजारों पर सिगरेट चढ़ाते हुए।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसी मज़ार है, जहां पर लोग चढ़ावे के तौर पर सिगरेट चढ़ाते हैं। आपको बता दे कि वैसे तो ये मज़ार एक क्रिश्चियन सिपाही की है, लेकिन यहां पर हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही धर्मों के लोग आते हैं, और मज़ार पर सिगरेट जलाते हैं। इसके पीछे भी एक कहानी हैं। साल 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के तहत अंग्रेज सैनिकों और भारतीय स्वतंत्रता सैनिकों के बीच में भयंकर गोलाबारी हुई । इसी गोलाबारी में कैप्टन वेल्स मारे गए थे, जिन्हें सिगरेट और शराब से बेहद प्रेम था। इस मज़ार के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों को भी नहीं पता कि कैप्टन वेल्स कब से कप्तान बाबा बन गए और तब से उन्हें सिगरेट चढ़ाए जाने लगी। यहां पर आने वाला हर शख्स अगरबत्ती और चादर की बजाए कप्तान बाबा को खुश करने के लिए सिगरेट चढ़ाता है।

 

 

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