बाल भी होते हैं कुंवारे, लगती है बोली

वैसे तो इन मंदिरों में कई महिलाएं अपनी मर्जी से बालों का चढ़ावा चढ़ाती हैं। लेकिन कुछ ऐसी महिलाएं भी होती हैं जिनसे ये काम जबरदस्ती करवाया जाता है। बता दें मंदिरों से निकलकर ये बाल काफी कीमती हो जाते हैं। इंटरनेशनल ट्रेडर्स इसके बदले काफी पैसे मंदिर को देते हैं। कहा जाता है कि ये पैसे सामजिक कार्यों में खर्च किए जाते हैं लेकिन कभी इनका सही हिसाब नहीं मिल पाता है। साथ ही बता दें  एक बार चीन पहुंचकर इन बालों को प्रॉसेस कर वहां से बाहर भेज जाता है।

साथ ही इन मंदिरों में एक दिन में करीब 50 हजार महिलाएं बाल दान करती हैं। मंदिर के ट्रस्टी या पुजारी इन बालों को इकट्ठा कर चीन के व्यापारियों को बेच देते हैं। साउथ इंडिया में मौजूद तिरुमला मंदिर में इन बालों से हर साल करीब 2 अरब रुपयों का फायदा होता है।

 

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