आपको बता दें कि राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के सदस्य जस्टिस वीके जैन ने उपरोक्त फैसला सुनाया। उन्होंने कहा, ‘हमें इस दलील को स्वीकार करने में कठिनाई हो रही है कि मछर के काटने से हुई मौत को हादसे के चलते होने वाली मौत नहीं माना जाए।’ बकौल जस्टिस जैन, ‘मछर का काटना कुछ वैसा ही है, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं रहती है, यह अचानक हो जाती है। इस कारण इससे हुई मौत एक हादसा है।’ आयोग ने यह फैसला पश्चिम बंगाल की मौसमी भट्टाचार्य द्वारा दाखिल दावा याचिका पर सुनाया।