ब्रा के इतिहास को जानते है आप? हर महिला ब्रा पहनती है। ब्रा पहनकर महिला की बॉडी और भी आकर्षित लगने लगती है। आज कई देशों में ब्रा डे भी मनाया जाता है। आज हम महिलाओं के इस खास वस्त्र से जुड़ी कई अनजानी बाते बताएंगे जिसके बारे में शायद ही आपको पता हो। आज हम आपको बताएंगे की किस-किस दौर में महिलाएं कैसी ब्रा पहनती थी और क्या था उनमें खास। इसके अलावा आपको यह भी पता चलेगा कि पहले महिलाएं ब्रा पहनने से क्यों डरती थी।
शुरूआत करते है 17 वीं और 18 वीं शताब्दी से, 17 वीं और 18 वीं शताब्दी में सफेद रंग के मलमल के अंडरगारमेंट का चलन चला। यह किसी कमीज की तरह दिखती थी। 1890-1895 के दौरान महिलाएं कोर्सेट पहनती थीं, जो एक तरह की जैकेट होती थी। कोर्सेट के पीछे डोरियां होती थीं, जिसे बहुत ज्यादा कसा जाता था। इस ब्रा को पहनने से इतना नुकसान होता था कि डॉक्टरों ने महिलाओं को इसे न पहनने की सलाह तक दे दी थी, क्योंकि इसके कसे होने के कारण जी घबराना, पेट में गड़बड़ी, सांस फूलने जैसी परेशानी होती थी।
1889 में आधुनिक ब्रा का अविष्कार हुआ था। फ्रांस की हरमिनी काडोले ने टू पीस अंडरगार्मेंट्स बनाया था। जिसे कोर्सेलेट जॉर्ज नाम दिया गया। इस ब्रा के आने के बाद महिलाओं का ब्रा के प्रति नज़किया बदल गया। ये जितना पहनने में आसान थी, उतना ही इसे पहनने में समय बचता था।