1940 के बाद ब्रा का रूप भी बदल गया। नायलॉन का कपड़ा होने की वजह सेअंडरगार्मेंट्स पहनने में हल्के तो होते ही थे साथ ही अब इन्हें प्रेस करने की जरूरत भी नहीं पड़ती थी। यही वजह है कि 45 साल से कम उम्र की हर महिला ने इसे अपनी जिंदगी में शामिल कर लिया था।
1960 में लिटिल एक्स नामक ब्रा ने महिलाओं की जिंदगी ही बदल दी। इस ब्रा के विज्ञापन ने महिलाओं को अंडरगार्मेंट्स से आज़ादी का संदेश दिया। लाइक्रा का कपड़ा होने की वजह से अंडरगार्मेंट्स मुसीबत से आरामदायक हो गए। तब से लेकर अब तक अंडरगार्मेंट्स का फैशन बदलता ही चला आ रहा है। आज मार्किट में कई तरह की अलग-अलग ब्रा है जो बेहद अरामदायक होने के साथ-साथ आकर्षित भी है।
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