डॉक्टर को जब सेक्स की तलब लगती, 15 साल की लड़की के साथ क्लीनिक में करता था सेक्स , कोडरमा के थाना क्षेत्र के हिरोडीह स्टेशन के पास रहने वाली 15 वर्षीया नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर बाद में उसे सेक्स रैकेट में जबरन शामिल करने के प्रयास का सनसनीखेज मामला सामने आया है। शर्मनाक घटना को अंजाम देने का आरोप एक झोला छाप डाॅक्टर व उसके सहयोगियों पर लगा है। वहीं आरोपी पक्ष का साथ देने का आरोप पीड़िता ने अपनी मां व भाई पर भी लगाया है।

पीड़िता ने सीडब्ल्यूसी व अन्य सामाजिक संगठनों को लिखे पत्र में अपनी पीड़ा कुछ इस प्रकार लिखा है। वह गोदखर पंचायत ककरचोली की रहनेवाली है। उसके पिता नहीं हैं। उसने मेडिकल प्रैक्टिशनर डॉक्टर अयूब अहमद पर पिछले तीन वर्षों से दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। उसने लिखा है कि आरोपी डॉक्टर, उसकी पत्नी के साथ ही उसका बेटा, भतीजा उसे घर से खींच कर क्लीनिक ले जाते हैं और दुष्कर्म करते थे। लड़की के अनुसार डॉक्टर अपनी पत्नी के साथ मिल कर 20 वर्षों से सेक्स रैकेट चला रहा है और उसे भी इस गंदे काम में शामिल करना चाहता है।

उसकी मां व भाई विक्की  समेत परिवार के अन्य सदस्य भी डॉक्टर का साथ देते हैं।  इनकी प्रताड़ना व गलत हरकत से परेशान होकर आत्महत्या करने जा रही थी, पर संयम बरत कर पूरे पत्र को लिखा।  हालांकि,  यह भी मामला सामने आया है कि पीड़िता ने सीडब्ल्यूसी के समक्ष जो बयान दर्ज कराया है, वह लिखित आवेदन से काफी अलग है।

पूरे मामले का खुलासा उस समय हुआ जब पीड़िता ने अपनी दास्तां से संबंधित पत्र बाल संरक्षण आयोग के साथ ही सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को लिखी। पत्र प्राप्ति के बाद बाल संरक्षण आयोग ने मामले पर संज्ञान लेते हुए कोडरमा के डीसी संजीव कुमार बेसरा को पीड़िता को आरोपियों के चंगुल से मुक्त कराने और  सुरक्षा देने का निर्देश दिया। इसके बाद चाइल्ड लाइन की मदद से पीड़िता को रेस्क्यू किया गया। इस मामले में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने पिछले दिनों पीड़िता का बयान कमलबद्ध करते हुए उसे बाल सुधार गृह देवघर भेज दिया। पीड़िता के आवेदन के आधार पर ही नौ अप्रैल को जयनगर थाना में कांड संख्या 70/17 दर्ज किया गया। पुलिस ने पीड़िता का बयान अदालत में दर्ज कराने व मेडिकल जांच के लिए सोमवार की रात को उसे देवघर से लेकर जयनगर पहुंची।

हालांकि, मंगलवार को पीड़िता का 164 का बयान कोर्ट में दर्ज नहीं किया जा सका। इधर, आरोपी झोला छाप डॉक्टर अयूब पुलिस की नजर में फरार चल रहा है, जबकि वह खुलेआम प्रैक्टिस कर रहा है।  दर्ज मामले में विभिन्न संगीन धाराओं के साथ ही पोक्सो एक्ट लगा है।

 

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