एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने सरकारी अस्पतालों में भी लोगों को निशाना बनाया था। अस्पताल आने-वाले लोग आमतौर पर परेशान रहते हैं। वह उनसे सहानुभूति दिखाता था। उनकी छोटी मदद करके उन्हें खाने या पीने के लिए देता था। सफदरजंग थाने में 2011 में दर्ज ऐसे ही एक मामले में अदालत ने 2013 में भगोड़ा घोषित किया था।
संयुक्त पुलिस आयुक्त रवींद्र यादव ने कहा कि उसने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया था। वह सुनवायी के दौरान अदालत में पेश नहीं हुआ। एसीपी संदीप लांबा के नेतृत्व में गुप्त सूचना के आधार पर विनोद गुप्ता को चांदनी चौक में फव्वारा चौक के पास से गिरफ्तार किया गया। उस वक्त भी वह किसी व्यक्ति को लूटने के चक्कर में था।
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