देश में सरकार ने भले ही किन्नरों के हक़ में हजारों कानून बनाए हों लेकिन नाज भी समाज में किन्नरों को सम्मान की नज़रों से नहीं देखा जाता। किन्नरों को लेकर हमेशा से ही हमारे समाज में तरह-तरह की बात कही जाती है। किन्नर समुदाय समाज से अलग ही रहता है और इसी कारण आम लोगों में उनके जीवन और रहन-सहन को जानने की जिज्ञासा बनी रहती है। लेकिन क्या आप को पता है की इनकी दुआ,और बद्दुआ को लेकर कई तरह की बातें कही जाती है। हमने देखा है की आम आदमी इनके पैसे मांगने का ज्यादा विरोध नही करता और चुपचाप निकाल कर दे देता हैं। तो आइये आज हम आपको इसके बारे में बताते है
हम अक्सर सुनते है की किन्नर की दुआएं किसी भी व्यक्ति के बुरे समय को दूर कर सकती हैं। माना जाता है कि इन्हें भगवान श्रीराम से वनवास के बाद वरदान प्राप्त हैं कहा जाता है कि इनसे एक सिक्का लेकर पर्स में रखने से धन की कमी भी दूर हो जाती हैं और वह इंसान हमेशा सुखी रहता है।
हमे कभी भी किन्नरों की बद्दुआ इसलिए नही लेनी चाहिए क्योकिं ये बचपन से लेकर बड़े होने तक इनका जीवन कुछ अलग ही प्रकार से व्यतीत होता है और ये हमेशा ही दुखी ही रहते हैं। ऐसे में दुखी दिल की दुआ और बद्दुआ लगना स्वाभाविक हैं। किन्नर अपने आराध्य देव अरावन से साल में एक बार विवाह करते है, ये विवाह लेकिन मात्र एक दिन के लिए ही होता है। शादी के अगले ही दिन अरावन देवता की मौत हो जाती है और इनका वैवाहिक जीवन खत्म हो जाता है।