धार्मिक आयोजनों में महिलाओं को माथे पर तिलक नहीं लगाना चाहिए। इसकी जगह उनकी चूड़ी पर टीका लगवाना चाहिए।

इसके पीछे कुछ खास कारण है| ब्रह्मण बताते हैं कि शास्त्रों के अनुसार स्त्रियों की चूड़ियों पर तिलक लगाने से विवाहित स्त्री पतिव्रत धर्म हमेशा पवित्र रहता है और पति की उम्र लंबी होने के साथ जीवन सुखी रहता है| पति और पत्नी दोनों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है, उन्हें धन आदि की भी कमी नहीं होती|

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कई वेदपाठी ब्राह्मण स्त्रियों की चूड़ियों पर ही तिलक लगाते हैं मस्तक पर नहीं। इसकी वजह यह है कि विवाहित स्त्री को पति के अलावा किसी अन्य पुरुष का स्पर्श करना निषेध माना गया है।

वेद-पुराणों के अनुसार, किसी भी विवाहित स्त्री को स्पर्श करने का अधिकार अन्य महिलाओं के अतिरिक्त केवल उसके पति को ही प्राप्त है। अन्य पुरुषों का स्पर्श होने से उसका पतिव्रत धर्म प्रभावित होता है। इसी वजह से वेदपाठी ब्राह्मण महिलाओं की चूड़ियों पर तिलक लगाते हैं, माथे पर नहीं ताकि उन्हें स्पर्श न हो सके। ब्रह्मण बताते है कि स्त्री के बीमार होने पर या संकट में होने पर कोई वैध या डॉक्टर स्पर्श कर सकता है, इससे स्त्री का पतिव्रत धर्म नष्ट नहीं होता है।

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