यमराज नाग रूप धारण कर उसके प्राण हरने के लिए आये। उसके पती को डस लिया। पत्नी ने नाग को पकड़ कर कमंडल में बंदकर दिया। तब तक उसके पती की मृत्यु हो गयी। पत्नी महामाया की बहुत बडी भक्त थी वह अपने पती को जीवित करने के लिए माँ की आराधना करने लगी। आराधना करते-करते एक माह बीत गया। पत्नी के सतीत्व के आगे श्रृष्टि में त्राहि-त्राहि मच गई। यमराज कमंडल में बंद थे यम लोक की सारी गतविधियां रूक गई।

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