दूसरो के दिल की बात जाननी है तो ऐसे करें

दूसरो के दिल की बात जाननी है तो ऐसे करें छठी इंद्री का इस्तेमाल । आप सब जानते है कि लोगों में पांच ज्ञानेंद्रियां तो होती ही है आंख, कान, नाक, जीभ और त्वचा लेकिन आपको बता दें कि कुछ लोगों में छठी इंद्री भी होती है जिसें थर्ड आई भी कहां जाता है। छठी इंद्री को अंग्रेजी में सिक्स्थ सेंस कहते हैं। सिक्स्थ सेंस को जाग्रत करने के लिए योग में अनेक उपाय बताए गए हैं। इसे परामनोविज्ञान का विषय भी माना जाता है। गहरे ध्यान प्रयोग से यह स्वत: ही जाग्रत हो जाती है। इस विषय पर शोध जारी हैं।

तो आइए आज हम आपको बताते है कि आखिर छठी इंद्री कहां पर होती है। मस्तिष्क के भीतर कपाल के नीचे एक छिद्र है, उसे ब्रह्मरंध्र कहते हैं, वहीं से सुषुम्ना रीढ़ से होती हुई मूलाधार तक गई है। सुषुम्ना नाड़ी जुड़ी है सहस्रकार से। इड़ा नाड़ी शरीर के बायीं तरफ स्थित है तथा पिंगला नाड़ी दायीं तरफ अर्थात इड़ा नाड़ी में चंद्र स्वर और पिंगला नाड़ी में सूर्य स्वर स्थित रहता है।

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