इस वक्त बांधेंगी भाई को राखी, भाई हो जाएगा मालामाल । उतरी भारत जिसमें पंजाब, दिल्ली, हरियाणा आदि में प्रात: काल में ही राखी बांधने का शुभ कार्य किया जाता है। परम्परा वश अगर किसी व्यक्ति को परिस्थितिवश भद्रा-काल में ही रक्षा बंधन का कार्य करना हों, तो भद्रा मुख को छोड्कर भद्रा-पुच्छ काल में रक्षा – बंधन का कार्य करना शुभ रहता है। शास्त्रों के अनुसार में भद्रा के पुच्छ काल में कार्य करने से कार्यसिद्धि और विजय प्राप्त होती है। परन्तु भद्रा के पुच्छ काल समय का प्रयोग शुभ कार्यों के के लिये विशेष परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए।

इस वक्त बांधेंगी भाई को राखी, भाई हो जाएगा मालामाल

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

इस वर्ष 2016 में रक्षा बंधन का त्यौहार 18 अगस्त, को मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि का आरम्भ 17 अगस्त 2016 को हो जाएगा, परन्तु भद्रा रहेगी। इसलिए शास्त्रानुसार यह त्यौहार 18 अगस्त को सुबह 5:55 से दोपहर 14:56 तक मनाया जा सकता है।

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धर्मशास्त्र के अनुसार किसी त्यौहार एवं उत्सव समय में चौघड़िए तथा ग्रहों के शुभ समय एवं अशुभ समयों को जाना जाता है। रक्षाबंधन के समय में भद्रा काल का त्याग करने की बात कही जाती है, तथा निर्दिष्ट निषेध समय दिया जाता है, अत: वह समय शुभ कार्य के लिए त्याज्य होता है। पौराणिक मान्यता के आधार पर देखें तो भद्रा का उचित नहीं माना जाता क्योंकि जब भद्रा का वास किसी उत्सव समय को स्पर्श करता है तो उसके समय को उपयोग में नहीं लाया जाता है। भद्रा में नक्षत्र व तिथि के अनुक्रम तथा पंचक के पूर्वाद्ध नक्षत्र के मान व गणना से इसका समय में बदल सकता है।

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