ब्रिटेन की निकोला किंग 6 साल तक एनोरेक्सिया बीमारी से पीड़ित थी। एनोरेक्सिया एक ऐसी बिमारी है जिसमें भूख नहा लगती है। 24 वर्षीय निकोला इस बिमारी के चलते मौत के मुह पर पहुंच चुकी थी लेकिन अपनी जीने की चाह से उसने इस बीमारी को मात दी। निकोला को एक साल पहले आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने निकोला के बचने की उम्मीदे खो दी थी। डॉक्टरों ने उसके परिवालवालों को जवाब दे दिया था क्योंकि उनके अंग काम नहीं कर रहे थे। उसके 18 महीने के अंदर निकोला ना सिर्फ बिलकुल ठीक हुई बल्कि ब्रिटेन की ‘एलीट्स यूके बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप’ भी अपने नाम कर सबको हैरान कर दिया।
2011 में जब निकोला 16 साल की थी वह‘एनोरेक्जिक’बीमारी की चपेट में आई। वह 6 हफ़्तों तक बिना खाए रही। यहां तक कि वह ढंग से पेय पदार्थ भी नहीं ले पा रही थी। कमजारी से उनके बाल झड़ गए और उनके पीरिडस भी रूक गये। जिसकी वजह से उनका वजन बहुत ज्यादा घट गया। एक समय तो ऐसा आया जब उनका वजन मात्र 25 किलो रह गया था।
लगभग डेढ़ साल बाद जून 2012 में उन्हें डिस्चार्ज किया गया। इसके बाद उनका घर पर ही करीब चार साल तक इलाज चलता रहा। धीरे-धीरे उनके शरीर में सुधार होने लगा। इसी बीच निकोला ने जिम जाना शुरू कर दिया। जिम ज्वॉइन करने के बाद निकोला ने बॉडीबिल्डिंग के जरिये अपनी जिंदगी को बदलने का फैसला किया।
निकोला ने एक साक्षात्कार में बताया, बीमारी का असर इतना ज्यादा था कि मैं जो भी खाती थी, वह ज्यादा देर तक पेट में नहीं टिकता था। मैं मर जाना चाहती थी और शारीरिक तौर पर मैं मर चुकी थी। अस्पताल से लौटने के बाद जब मैं जिम जाने लगी तो मुझे जीवन का एक उद्देश्य मिला। मैं सुबह जल्दी उठने लगी। मैं थेरेपे लेने लगी और इसके सकारात्मक नतीजे सामने आए और बाद मैं मैंने बॉडीबिल्डिंग से जिंदगी के लिए नया उद्देश्य चुना।