अगर किसी महीने किराया नहीं दिया जाता तो अगले महीने उस शव को कब्र से बाहर निकाल कर सामूहिक कब्र में फेंक दिया जाता है। इसी आशंका से कई अमीर लोग अपने लिए कब्र के पैसों का जीते जी इंतजाम कर जाते हैं, ताकि उनकी बॉडी सुकून से रह सके। कई कब्रें बेहद सुंदर और सजी हुई हैं तो कुछ शव कब्र में जाने के इंतजार में हैं।
प्रशासन का कहना है कि ज्यादा आबादी और कम जगह होने के चलते ऐसे नियम बनाने की मजबूरी है। यहां अमीर लोग तो अपने जीते जी कब्र के लिए रकम का जुगाड़ कर लेते हैं लेकिन गरीबों के लिए ये मुश्किल भरा काम है।
प्रशासन ने हर शहर के बाहर एक सामूहिक ग्राउंड बनाया है जहां हर साल उन शवों को दफनाया जाता है जिनके परिजन समय पर किराया नहीं भर पाते। यहां कई कब्रे साफ सुथरी सजी हुई रहती हैं तो कई विरान पड़ी रहती हैं। यहां का ये नियम मरने के बाद भी आदमी को ये भूलने नहीं देता कि वो किस तबके का है।