बौद्ध लामा की आत्मा आज भी भटकती है उनकी कब्र के पास, जानिए क्यों । रूस के स्थानीय धार्मिक गुरूओं ने सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से दावा किया है कि गत रविवार और सोमवार रात को वह अपनी कब्र के पास घूम रहे थे। धार्मिक गुरूओं का दावा है कि 89 वर्ष पहले मरने वाले एक बौद्ध लामा की आत्मा विश्व में शांति के लिए आज भी उनकी कब्र के पास भटकती है, हो सकता है वह विश्व शांति के लिए कोई संदेश देना चाहते हों। वहीं कुछ बौद्ध गुरूओं का मानना है कि उनका निधन 1927 में हो गया था और उन्हें कमल के फूल की अवस्था में सुपुर्द ए खाक किया गया था।
लामा इतिलिगोव का जन्म 1852 में हुआ था। वह रूस में बोल्शेविक क्रांति के पहले धार्मिक गुरू के रूप में काफी प्रसिद्ध थे। उन्होंने 1913 में रोमानोव की सभा की तीन सौंवी वर्षगांठ के समारोह में हिस्सा लिया था और सेंट पीटर्सबर्ग में पहले बौद्ध मंदिर दत्सन गुंजेचोईनी को खोला था। उनका सोवियत संघ को छोडऩे के बाद 1927 में निधन हो गया था।