इस दौरान उन्होंने बंधक महिलाओं और बच्चियों को निशाना बनाया। 15 साल के इस बच्चे अहमद ने यह भी बताया कि बच्चों को पीड़ितों को कैसे वश में किया जाए और महिलाओं को खुद पर कैसे हावी न होने दिया जाए, इसकी भी ट्रेनिंग दी जा रही है।

लड़कियां मदद के लिए चिल्लाती हैं, लेकिन आतंकी उनकी कोई परवाह नहीं करते हैं। कई बार तो वे लड़कियों की पिटाई भी करते हैं और सहयोग नहीं करने पर जान से मारने की धमकी भी देते हैं।

 

बोको हरम ने चिबोक कस्बे से अप्रैल 2014 में 200 स्कूली लड़कियों का अपहरण कर लिया था। इनमें से एक लड़की को मई में खोज निकाला गया था। उसने बताया था कि आतंकियों ने अधिकांश लड़कियों को समबिसा के जंगलों में बंधक बनाकर रखा है।

 

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