‘हिम्मत-ए-मर्दा, मदद-ए-ख़ुदा’, इसका मतलब यह है कि भगवान भी उनकी मदद करते हैं जो अपनी मदद खुद करते हैं। ऐसी ही मिसाल दी है मिस्र के पैरालिम्पिक्स, इब्राहिम हमादताऊ ने।
10 साल की उम्र में ही इब्राहिम हमादताऊ ने एक ट्रेन दुर्घटना में अपने दोनों हाथ खो दिए थे। टेबल टेनिस के गेम में हाथ की बहुत ज़रूरत होती है, लेकिन इब्रहीम इस गेम को बिना हाथों के खेलते हैं। वो गेंद को टॉस करने के लिए पैर के तलवे का इस्तेमाल करते हैं।
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