शारीरिक कमजोरियों और विकलांगता के चलते अक्सर लोग जिन्दगी से निराश होकर दूसरों पर डिपेंडेंट हो जोते हैं। कुछ खुद को बोझ समझने लगते है। कई बार तो शरीर से सक्षम, अच्छे खासे लोग भी निराश होकर जिन्दगी से हार मान लेते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे भी है जो अपनी वीकनेस को अपनी ताकत बना लते हैं। कुछ ऐसी ही इस शख्स की कहानी है, जो आज हम आपको बताने जा रहें है। बहुत छोटी उम्र में ही चेन जिंगयिन चोंगकिंग ने अपने दोनों हाथ खो दिए थे। लेकिन उसने कभी अपनी जिंदगी से हार नही मानी। वह अपना ख्याल तो खुद रखता ही है साथ ही अपनी बूढ़ी मां की देखभाल भी अच्छे से रखता है।