उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे महत्वपूर्ण मानते हैं कि हम जो काम कर रहे हैं उस तक प्रेस की पहुंच हो। सवालों का जवाब देने की क्षमता होनी चाहिए। जब हम इस तरह की यात्राएं करते हैं तो अपने मूल्यों और आदर्शों को छोड़कर नहीं आते।’’ ओबामा ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति के साथ बातचीत में भी मतभेद जाहिर हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं मानवाधिकार जैसे मुद्दे उठाता हूं तो कुछ तनाव होता है जो संभवत: तब नहीं होता जब राष्ट्रपति शी अन्य नेताओं के साथ मुलाकात करते हैं।’’
चीन में प्रेस के प्रवेश को लेकर हमेशा से ऐसी स्थिति रही है। वहां सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी मीडिया को शासन पर स्वतंत्र निगरानी के बजाय अपने राजनीतिक एजेंडा का औजार मानती है। चीन में पत्रकारिता पर कड़ा नियंत्रण है और संवेदनशील या निंदात्मक दिखने वाले मुद्दों पर रिपोर्टिंग पर समय-समय पर पाबंदी लगाई जाती है।
चीन की इस तरह की प्रवृत्ति हांगझोउ में स्पष्ट दिखाई देती है जहां सम्मेलन में चीन के बड़े राजनीतिक और वित्तीय निवेश की सुरक्षा के लिए तथा किसी तरह के अवरोध से बचने के लिए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किये गये हैं।
ओबामा ने इस सबके बाद टरमक के घटनाक्रम पर चुटकी भी ली और कहा कि व्हाइट हाउस के लाव-लश्कर का यात्रा करना किसी भी देश के लिए भयभीत करने वाला हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसका एक पहलू यह भी है कि हमारी मौजूदगी कई अन्य देशों से अधिक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कई विमान हैं, कई हेलीकॉप्टर हैं, कई कारें हैं और कई लोग हैं। आप जानते हैं कि अगर आप मेजबान देश हैं तो कई बार थोड़ा अधिक लग सकता है।’’