बचपन में बच्चों में एक आदत होती है कि वे मिट्टी खाजाते हैं। हालांकि बच्चों में यह आदत होना एक आम बात है लेकिन ज़रा सोचिए कि इस आदत के चलते बच्चा अगर काँच और प्लास्टिक जैसी चीज़ें खा जाए तो क्या होगा। सुनने में डरावना और अजीब ज़रूर लगता है लेकिन उन्नाव मे 8 साल की बच्ची रीता के साथ कुछ ऐसा ही होता था।

रीता की मां का बचपन में ही देहांत हो गया था। गरीबी झेल रहे पिता द्वारा भरपेट खाना न दे पाने के बाद ही रीता अपनी भूख बर्दाशत नही कर पायी और सने काँच और प्लास्टिक खाना शुरू कर दिया। कमाल की बात तो यह है कि 8 साल की होने के बाद भी वह कांच, लोहा,प्लस्टिक एसे खाती है जैसे वह उसके खाने का एक हिस्सा बन गया हो वहीं पूरी तरह स्वस्थ रीता को देख ग्रामीण हैरानी जताते हैं।

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