बता दें, रमेश बंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। जब उनकी शादी हुई तो उन्होंने सोचा कि वे इसके जरिए समाज में कुछ संदेश दें। इसके लिए उन्होंने तय किया कि वे बैलगाड़ी लेकर बारात में जाएंगे। दिलचस्प रहा कि दुल्हा रमेश के अलावा बाराती भी बैलगाड़ी में सवार थे। वहीं कुछ बाराती पैदल चल रहे थे।

रमेश के इस पहल की पूरे इलाके में चर्चा हो रही है। दुल्हन के पिता भी अपने दामाद के इस फैसले काफी खुश दिखे। उन्होंने कहा कि अगर सभी युवा उनके दामाद की तरह सोचें तो समाज की कई बुराइयां यूं ही खत्म हो जांएगी। साथ ही शादियों में फिजूलखर्ची भी काफी हद तक खत्म हो जाएगी।

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