ओडिशा से लगातार दूसरे दिन भी एक ऐसी तस्वीर सामने आई हैं जिसमें शासन और प्रशासन की लापरवाही की सारी पोल खोल दी है। बुधवार को कालाहांडी में पैसे की कमी और अस्पताल प्रशासन की ओर से उपर्युक्त सुविधा उपलब्ध नहीं कराए जाने की वजह से जहां एक पति ने अपनी पत्नी की लाश कंधो पर उठाकर करीब 10 किमी तक का सफर पैदल तय किया। उसके अगले ही दिन बालासोर में एक औरत की लाश को बांस पर लटकाकर ले जाते अस्पताल कर्मचारियों की भी तस्वीर सामने आई। यह घटना ओडिशा के बालासोर में स्थित सोरो रेलवे स्टेशन की है जहां मालगाड़ी की चपेट में आने से 80 वर्षीय विधवा सालामनी बेहेरा की मौत हो गई थी।

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यह घटना बुधवार सुबह की है, जिसके बाद उनकी लाश को सोरो कम्यूनिटी सेंटर ले जाया गया। इस घटना की सूचना मिलने के करीब 13 घंटे बाद जीआरपी लाश को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने पहुंची लेकिन वहां भी एम्बूलेंस की उचित व्यवस्था नहीं थी, जिसकी वजह से कम्यूनिटी सेंटर के कर्मचारियों ने वृद्धा के लाश की हड्डियों को पहले तो कमर से तोड़ दिया फिर उसे कपड़े में लपेटा और बांस पर टांगकर पोस्टमार्टम के लिए ले गए। सोरो स्टेशन के जीआरपी सब-इंस्पेक्टर प्रताप रूद्र मिश्रा ने बताया कि शव के पोस्टमार्टम के लिए उसे अस्पताल ले जाना था जो कि कम्यूनिटी सेंटर से करीब 30 किमी दूर है। इसके लिए उन्होंने एक आटो ड्राइवर को बुलाया लेकिन उसने बतौर किराया 3,500 की मांग की और हमें केवल 1000 रुपये खर्च करने का अधिकार है। उचित व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण सोरो कम्यूनिटी सेंटर के कर्मचारियों से मदद मांगी गई। फिर दो किमी दूर स्थित रेलवे स्टेशन तक लेकर गए। वहां से शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया।

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