अक्सर सड़कों पर चलते हुए ता फिर वनों में घूमते हुए आपने एक बात गौर की होगी कि वहां मौजूद पेड़ों को रंग दिया जाता है। कभी पेड़ों पर लाल तो कभी सफ़ेद रंग कर दिया जाता है। लेकिन क्या कभी आपने इस बात पर गौर किया है कि ऐसा किया किस लिए जाता है। आखिर क्या राज़ है इस लाल और सफ़ेद रंग के पीछे आज हम आपको बताते हैं इसके पीछे का पूरा सच।

दरअसल पेड़ों को पेंट करने के पीछे एक मुख्‍य वजह ये है कि ऐसा करके पेड़ की छाल में पड़ रही दरारों को बंद कर पेड़ की लाइफ का बढ़ाया जाता है। कई बार पेड़ों के तने में फंगस या कीड़े मकौड़े अपना घर बना लेते हैं। पेंट करने से पेड़ों के तने की टूटने की गुंजाइश कम हो जाती है। पेंट करने के दौरान अगर पेड़ का कोई हिस्‍सा डैमेज दिखता है तो उसे भी हाईलाइट कर दिया जाता है, ताकि आगे उसका अधिक ख्‍याल रखा जा सके। जान लीजिए कि नए पेड़ लगाने से भी ज्‍यादा जरूरी है, मौजूद पेड़ों की जिंदगी बचाना।

भारत में हाइवे से लेकर शहरी क्षेत्रों में पेड़ों को पेंट करने का काम वन विभाग द्वारा किया जाता है। इसके लिए क्षेत्रवार विभाग की टीमें काम करती हैं। पेंट करने से पेड़ को जो फायदा होता है, उसके साथ ही काटे जाने से भी उनकी सुरक्षा होती है। अब पूछिए कैसे। अरे भाई पेंटेड पेड़ इस बात की निशानी होते हैं कि वो वन विभाग की निगरानी में हैं। जो भी उन्‍हें नुकसान पहुंचाएगा, वन विभाग उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा।

पूरे देश में पेड़ों को पेंट करने के लिए सिर्फ सफेद ही नहीं बल्‍कि कई राज्‍यों में नीला, लाल या फिर सफेद लाल रंग को एक के ऊपर पेंट किया जाता है। ये रंग रात में गाड़ियों की लाइट में आसानी से देखे जा सकते हैं, इससे ड्राइवरों को भी आसानी होती है। कुल मिलाकर कहें तो पेड़ों पर की जाने वाली ये पेंटिंग सबसे पहले उनकी और फिर हमारी जिंदगी की रक्षा के लिए जरूरी है। अगर कोई ऐसे पेड़ को नुकसान पहुंचाए और आपको पता चले तो तुरंत पुलिस को सूचना दें, आखिरकार ये आपकी सुरक्षा के लिए भी जरूरी है जनाब।

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