पाकिस्तान की जेल में बंद पतियों से मिलने के लिए पत्नियां मांग रही हैं वीजा। पाकिस्तान की जेलों में बंद अपने बीमार पतियों से मिलने के लिए तीन भारतीय मछुआरों की पत्नियों ने पीएम मोदी से वीजा देने का अनुरोध किया है। यह तीन महिलाएं गिर सोमनाथ जिला में टाड गांव निवासी भगवान सोलंकी की पत्नी गंगाबेन, संघ शासित प्रदेश दियू के वनकबारा क्षेत्र निवासी अमृतलाल वैश्य की पत्नी अमृताबेन और गिर सोमनाथ जिले के कोटदा गांव निवासी दीपकभाई बमनिया की पत्नी वनिताबेन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे मानवाधिकार के आधार वीजा दिलवाने में मदद करने को कहा है। पाकिस्तान में बंद ये भारतिए मछुआरे कई दिनों से बीमार हैं और इसके साथ वहां अच्छा सुलूक नहीं हो रहा है। ये तीनों मछुआरे गलती से पाकिस्तान के समुद्री बार्डर पर पहुंच गए थे जहां से इन्हे गिरफ्तार किया गया।

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तीनों महिलाओं द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वे इस मुद्दे को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के समक्ष उठाएं तथा उन्हें वीजा देने को कहें, ताकि तीनों अपने पतियों से मिलकर उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछ सकें। महिलाओं ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी अधिकारी उनके पतियों का समुचित इलाज नहीं करवा रहे हैं, जिसके कारण उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है।

आपको बता दें पाकिस्तान में भारतिए केदियों के साथ बहुत ही अमानवीय व्यवहार होता है। जिसकी वजह से पिछले तीन वर्षों में अधिकारियों की लापरवाही के कारण पाकिस्तानी जेलों में बंद करीब चार मछुआरों की मौत हो चुकी हुई है। महिलाओं ने पत्र में लिखा है कि ‘‘हम अपने पतियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।’’ गंगाबेन ने पत्र में लिखा है कि उनके पति भगवान भाई सोलंकी पिछले एक वर्ष से ज्यादा समय से बीमार हैं। उन्हें इस वर्ष मार्च में जेल से रिहा होकर आए अन्य मछुआरों से इसकी सूचना मिली है।

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