उत्तराखंड को पृथक राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर दिल्ली में रैली करने जा रहे उत्तराखंड के नौजवानों, बुजुर्गों और महिलाओं पर यूपी पुलिस ने कहर बरपाया था। लाठीचार्ज और गोलीबारी में बेकसूर सात उत्तराखंडी मारे गए थे, जबकि काफी लोग घायल हुए थे।
खतौली के तत्कालीन इंस्पेक्टर एसपी मिश्रा पर आरोप था कि देहरादून के मनियावाला निवासी राजेश नेगी की पुलिस गोली से मौत होने के बाद उसके शव को साथी पुलिसकर्मियों की मदद से जौली गंगनहर में फेंक दिया था। इस मामले में आरोपी तय हो चुके हैं।