हमारे देश के संविधान ने सभी नागरिकों को ये अधिकार दिया है कि वो देश के किसी हिस्से में कहीं भी स्वेच्छा से आ-जा सकेत हैं। लेकिन हमारे देश में एक जगह ऐसी भी है जहां भारतीय लोगों की एंट्री बैन है। जी हां, आप भी चौंक गए ना, तो आइए आपको बताते हैं ये पूरी कहानी।
दरअसल, हिमाचल प्रदेश भारत के खूबसूरत राज्यो में से एक है और जहां पर बहुत सी ऐसी जगह हैं जिनको देखने के लिए भारत के नहीं बल्कि विदेशी लोग भी अपने अपने देश से आते हैं पर आज हम आपको यहां के एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहें हैं जहां पर भारतीय लोगों की एंट्री बैन है। यह मामला आपको अजीब लगेगा ही क्योंकि यह गांव अपने ही देश में होते हुए भी यहां पर देश के लोगों की एंट्री बैन है, ऐसा क्यों है? इसके बारे में आज हम आपको बता रहें हैं। आइये जानते हैं इस गांव और इसमें भारत के लोगों की एंट्री बैन होने के कारण के पीछे की वजह को।
सबसे पहले तो आपको यह बता दें कि इस गांव का नाम है ‘कसोल गांव’, यह गांव पूरे हिमाचल प्रदेश में काफी फेमस है और इसके पीछे यही कारण है कि यहां पर देश के लोगों की एंट्री बैन है पर यहां पर इज़रायल के लोग सबसे ज्यादा संख्या में आते हैं। यहां का दृश्य कुछ ऐसा होता है कि आपको लगने लगेगा की ये लोग आपके नहीं बल्कि आप इन लोगों के देश में चले गए हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर भारतीय लोगों का आना बैन है, यदि कोई भारत का व्यक्ति इस गांव में भूल से आ भी जाता है तो उसको यहां पर कोई कमरा नहीं देता है और अंततः उसको इस गांव से जाना ही होता है। कुछ लोगों का कहना है कि भारत के लोगों को इस गांव में न आने देने के पीछे यहां के पर्यटन व्यवसायियों का ही हाथ है क्योंकि किसी भी भारतीय व्यक्ति से यहां के लोगों को इतनी कमाई नहीं होगी जितनी विदेशी लोगों से होती है, कुछ पर्यटन व्यवसायी इस बारे में दलील देते हुए कहते हैं कि “हमने यहां भारतीय पुरुषों को इसलिए बैन कर रखा है क्योंकि यहां आने के बाद वो इज़रायली महिलाओं के साथ छेड़खानी करते हैं, जिससे इज़रायली महिलाओं की यात्रा में बाधा उत्पन्न होती है।”
देखा जाए तो यह एक अच्छी बात है कि बहुत से अलग अलग देशों के लोग हमारे देश को पसंद कर रहें हैं, यहां आकर रह रहें हैं और यहां की संस्कृति को ग्रहण कर रहें हैं पर अपने ही देश में चंद पैसे के लिए अपने लोगों की एंट्री बैन करने का लॉजिक किसी भी व्यक्ति को ठीक नहीं लगेगा। कुछ लोगों और कुछ पैसे की वजह से सारे लोगों पर अंगुली उठाना, कहां तक सहीं कहा जायेगा यह आप ही विचार कर के देख लें।
यहां भी है भारतीयों का’प्रवेश प्रतिबंधित’
चेन्नई में एक होटल है जहां केवल उन्हीं कस्टमर्स को आने दिया जाता है जिनके पास विदेशी पासपोर्ट होता है। भारतीयों को होटल में न आने देने के नियम को यहां सख्ती से लागू किया गया है।
गोआ में कई समुद्री बीचेज पर भारतीयों का जाना मना है।ये सभी बीच विदेेशियों के लिए आरक्षित है। भारतीयों को प्रतिबंधित करने का कारण दिया गया है कि यहां आने वाले विदेशी पर्यटक नहीं चाहते है कि उन्हें बिकनी में देखकर भारतीय सीटी मारे या फिकरे कसें।
गोआ की तरह पुडुचेरी में भी ऐसे बीच हैं जहां भारतीयों को नहीं आने दिया जाता। यहां के यह रेस्टोरेंट्स और रिजर्व बीच केवल विदेशियों के लिए हैं। यहां जाना है तो विदेशी पासपोर्ट दिखाइए और बीच पर जमकर मस्ती कीजिए।
बंगलुरू का यह होटल खासकर जापानी लोगों के लिए था। इसको लेकर शिकायत की गई थी होटल का स्टाफ भारतीयों को नहीं आने देता। हालांकि बाद में नस्लीय भेदभाव करने की वजह से ग्रेटर बंगलुरू सिटी कॉरपोरेशन ने इसे बंद करवा दिया।