मोदी सरकार लगभग 8 महीने देश में पुराने 500 और 1000 के नोटों को अवैध घोषित करके उनको बैंकों में जमा कराने का आदेश जारी किया था। 30 मार्च तक का समय सरकार ने नोटों को बदलवाने के लिए दिया था। लेकिन देश में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अभी तक इन नोटों को गैर कानूनी तरीके से बदलवा रहे हैं और इसमें बैंक के ही कुछ आला अफसर उनकी मदद में लगे हुए हैं। आइये बताते हैं कि आखिर कहाँ हो रहा है ऐसा।

सरकारी चाबुक से बचने के लिए कुछ लोग अपने कालेधन पर ऐसे कुंडली मारकर बैठे कि नोटबंदी निकल गई और ये टस से मस नहीं हुए। करोड़ों रुपये के 500 और 1000 के पुराने नोट इनके पास धरे रह गए और अब उन्हें बदलवा रहे हैं। यह बात सही है कि पुराने नोटों को बदलवाने की जो तारीख सरकार ने बताई थी वह निकल गई, लेकिन प्रवासी भारतीयों यानी एनआरआई लोगों के लिए पुराने नोट बदलवाने की आखिरी तारीख 30 जून रखी गई थी। यानी वर्तमान महीने के आखिरी तक एनआरआई पुराने 500 और 1000 के नोटों बदलवा सकते हैं।

मीडिया खबरों के मुताबिर कुछ एनआरआई बड़े पैमाने पर पुराने नोटों को बदलवाने के गोरखधंधे में लगे है और इसके लिए मोटा कमीशन ले रहे हैं। सूत्रों की मानें तो एनआरआई पुराने नोटों को बदलवाने के एवज में 91 फीसदी तक कमीशन ले रहे हैं। इसका मतलब है कि अगर कोई शख्स 1 करोड़ रुपये बदलवाता है तो उसे महज 9 लाख रुपये ही मिलेंगे।गोरखधंधे के इस सिंडीकेट में एक फीसदी का कमीशन वे लोग ले रहे हैं जो पुराने नोटों को एनआरआई तक पहुंचाने का काम करते हैं। अभी महीना पूरा होने में वक्त है, ऐसे में सरकार के सामने यह इन लोगों से निपटने की चुनौती बनी हुई है।

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