हालांकि, उन्होंने कहा कि इन दिनों भक्तों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हो सकता है मंदिर प्रशासन जल्द ही इस बाबत कोई फ़ैसला ले ले। इसके अलावा इस्कॉन मंदिर ने भी अभी तक इस सुविधा को नहीं अपनाया है। बहरहाल, नोटबंदी का असर सकारात्मक होता है या नकारात्मक यह भविष्य में पता चलेगा, लेकिन इतना तो ज़रूर है कि भारत भी अब कैशलेस सोसायटी की तरफ अग्रसर होने लगा है और इस दौर में पारदर्शिता लाने के लिए मंदिरों-मस्जिदों को डिजिटल कर दिया जाए, तो यह कहीं से भी घाटे का सौदा नहीं है।

 

 

 

1 2 3
No more articles