500 का एक नोट बदलवाने के लिए किसान ने परिवार सहित तय किया 70 किमी का सफ़र , भोपालपटनम से  से 70 किमी दूर एड़ापल्ली गांव के किसान वंजाराम वखे के पास न तो नोटों की गड्डियां हैं, न ही ऐसा कुछ जिसे वह छिपाए। सरल स्वभाव का यह किसान इतनी दूर से बैलगाड़ी से अपने परिवार के साथ यहां केवल इसलिए आया है ताकि उसका पांच सौ रुपए का एक नोट जमा हो जाए। उसे डर है कि ये बेकार न हो जाए।

उसके पास पांच सौ के एक व एक हजार रुपए के एक नोट हैं। वह भी दो दिन में शहर पहुंचा। भारतीय स्टेट बैंक में उसका खाता है। 90 किमी दूर आरेपल्ली गांव से आए वंजा मेए व सम्मा मेए तीन दिन पैदल चलकर गुरुवार की सुबह पैदल स्टेट बैंक पहुंचे। वंजा के पास 13 तो सम्मा के पास 4 हजार रुपए हैं। मुर्गी, गाय-बैल व बकरी बेचकर और तेन्दूपत्ता का संग्रहण कर इन्होंने रकम जुटाई है। शहर पहुंचने के दौरान वंजाराम परिवार के साथ गुरुवार की रात यहां से चार किमी दूर उल्लूर में रुका था। सुबह यहां अपने परिचित के घर आया। पत्नी ने सुबह भोजन बनाया। दो दिन पहले ही वह एड़ापल्ली से राशन, बर्तन लेकर निकला था। उसने बताया कि उसने गांव में खबर सुनी कि पांच सौ का नोट बंद हो गया है, तब से परेशान था। एड़ापल्ली गांव का ही चंद्रैया येलादी भी बच्चों को लेकर बैलगाड़ी से आया है।

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