ट्रेन

 

मैग्लेव तकनीक पर भारत में ट्रेन चलाने के लिए रेलवे मंत्रालय ने एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट विभिन्न कंपनियों से मांगा था। इसमें अमेरिकन मैग्लेव टेक्रॉलोजी (यूएसए) व स्वीसरैपीड एसजी (स्वीट्जरलैड) ने भारत में इस तकनीक पर ट्रेन चलाने की पहल की है।
बता दें कि बुलेट जहां तीन सौ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी वहीं मैग्लेव 500 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। बुलेट की तरह ही इस ट्रेन को भी डेडिकेटेट कॉरीडोर पर चलाया जाएगा।

भारत के लिए मैग्लेव तकनीक रिपल्शन पर नहीं एट्रैक्शन तकनीक वाला होगी। मैग्लेव में भारत टेक्नॉलोजी पार्टनर भी होंगे। जिस भी कंपनी से इस ट्रेन को चलाने पर सहमति बनेगी उसे पहले चरण में 15 किलोमीटर के स्ट्रेच पर ट्रायल रन करना होगा। मैग्लेव तकनीक से जमीन छोड़कर हवा में ही चलेगी।

रेलवे बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि यह गाड़ी रेलवे की अन्य परियोजनाओं के साथ-साथ चलेगी और इसे निजी क्षेत्र के सहयोग से एक विशेष संयुक्त उपक्रम संचालित करेगा। दो सितंबर को होने वाले सम्मेलन में अमरीका, जर्मनी, स्पेन, स्विट्जरलैण्ड, जापान सहित कई देशों के अग्रणी रेल तकनीक निर्माता शिरकत करेंगे।

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