कश्मीर घाटी में ताजा हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गयी एवं कुछ लोग घायल हो गये वहीं अलगाववादियों की हड़ताल तथा घाटी के कुछ हिस्सों में कफ्र्यू के चलते आज लगातार 25वें दिन भी जनजीवन बाधित रहा ।

इसके साथ ही मरने वालों की संख्या बढ़कर 50 हो गयी है।

पुलिस ने बताया कि जब भीड़ ने एक अधिकारी के वाहन को फूंकने की कोशिश की तब उनके सुरक्षा गार्ड ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलायी जिससे एक व्यक्ति मारा गया एवं एक अन्य घायल हो गया।

पुलिस अधिकारी के अनुसार यह घटना श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलवामा जिले के लेथपुरा में रात साढ़े आठ बजे घटी।

एक अन्य घटना में कुपवाड़ा जिले के त्रेहगाम में एक थाने पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। पुलिस कर्मियों ने आंसूगैस के गोले दागे जिससे तीन व्यक्ति घायल हो गए। एक को यहां के अस्पताल में भेजा गया है और उसकी हालत गंभीर है।

कल शाम को अलगाववादियों ने आंदोलन के कार्यक्रम में ढील की घोषणा की ताकि लोग जरूरी सामान खरीद सकें। इस घोषणा के बाद कल शाम के समय कई दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान खुले। घाटी में नौ जुलाई से बंद की स्थिति है।
अलगाववादियों के बंद के आह्वान के बाद आज बाजार बंद रहे और सार्वजनिक वाहन सड़कों पर नजर नहीं आए। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शहर के छह पुलिस थाना क्षेत्रों, अनंतनाग शहर, कोकेरनाग और बारामुला जिले के खानपुरा में कफ्र्यू लगा रहा। पूरे कश्मीर में चार या इससे ज्यादा लोगों के एक स्थान पर इकट्ठा होने पर प्रतिबंध बना रहा।

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘श्रीनगर शहर के सिर्फ छह पुलिस थाना क्षेत्रों- नौहाटा, खान्यार, रैनावाड़ी, सफाकदल, बटमालू और महाराजगंज में कफ्र्यू लगा हुआ है।’’ अलगाववादी समूह विरोध प्रदर्शनों में नागरिकों के मारे जाने के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। ये विरोध प्रदर्शन आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद किए जा रहे थे।

नौ जुलाई को कश्मीर घाटी में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़पें हुईं और 50 लोग मारे गए। इस दौरान 5600 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गईं जबकि सभी नेटवर्कों की पोस्टपेड मोबाइल टेलीफोन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं।

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