ढाका हमले में शामिल आतंकी के खुलासे के बाद से भारत के इस्लामिक धर्मगुरू जाकिर की हर हरकत पर नजर रखी जा रही है। जांच एजेंसियां जाकिर नाईक का पूरा कच्चा चिट्ठा खंगाल रही हैं और इससे जो खुलासे हो रहे हैं वो बेहद चौंकाने वाले हैं।
नए खुलासे के मुताबिक एक नहीं, दो नहीं, तीन नहीं बल्कि 55 आतंकवादी किसी न किसी रूप में जाकिर के भाषणों से प्रेरित हुए। इनके आतंकी बनने में जाकिर नाईक की तकरीरों की बड़ी भूमिका रही है। दरअसल गृह मंत्रालय के निर्देश पर जांच एजेंसियां इस पड़ताल में लगी हैं कि क्या जाकिर नाईक के खिलाफ किसी तरह का कानूनी मामला बनता है। इसी से जुड़ी जांच में ये खुलासा हुआ कि पिछले 10 साल में गिरफ्तार हुए आतंकियों में से कम से कम 55 ऐसे थे जिन्होने पूछताछ के दौरान ये माना था कि वो जाकिर के भाषणों से प्रभावित
थे।
जाकिर नाईक पिछले महीने तब विवादों में घिरा था जब ढाका में आतंकी हमला करने वालों में से एक रोहन इम्तियाज ने अपने फेसबुक पेज पर जाकिर के भाषण के उस टुकड़े को लिखा था जिसमें जाकिर ने कहा था कि हर मुसलमान को आतंकी होना चाहिए। अब 55 ऐसे आतंकियों के नाम सामने आ चुके हैं जिन्होने जाकिर के भाषणों से प्रभावित होने की बात कबूली है। जाकिर से प्रेरित होने वाले ये आतंकी अलग अलग संगठनों से जुड़े रहे हैं। इनमें से ISIS, लश्कर, इंडियन मुजाहिदीन और सिमी प्रमुख हैं। इस लिस्ट में आईएस के लिए युवकों की भर्ती करने के आरोप में पकड़ी गई महिला अफशा जबीन, आईएस से संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किए गए मुदब्बीर शेख, मोहम्मद ओबैदुल्लाह खान, अबू अनस और मोहम्मद नफीस खान जैसे संदिग्धों के नाम शामिल हैं।

इनके अलावा इंडियन मुजाहिदीन के कतील अहमद सिद्दीकी और सिमी के समर्थक माने जाने वाले बीजू सलीम भी जाकिर के भाषणों को सुना करते थे। जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश को चलाने वाले असदुल्लाह अली और रफीक इस्लाम ने भी जाकिर के भाषणों से प्रभावित होने की बात कबूली है।
जाकिर के खिलाफ जांच एजेंसियों की पड़ताल में उन 4 केसों की फाइल एक बार फिर पलटी जा रही है जो जाकिर के खिलाफ 2012 और 2013 में दर्ज किए गए थे। महाराष्ट्र के अलग अलग शहरों में दर्ज इन मामलों में जाकिर पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने से लेकर, अलग अलग समुदायों के बीच नफरत फैलाने जैसे आरोप लगाए गए हैं। जांच एजेंसियों की कोशिश है कि जाकिर के खिलाफ कोई भी कानूनी कदम उठाने से पहले वो पुख्ता सबुत जुटा लें।

एक तरफ जहां जाकिर नाईक पर शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है वहीं जांच एजेंसियों की पड़ताल में जाकिर नाईक जैसे कई और ऐसे धर्म प्रचारकों के नाम सामने आए हैं जिनसे प्रभावित होकर लोग आतंकवादी संगठनों में शामिल हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के रामपुर के मुफ्ती अब्दुल समी कासमी को NIA पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। NIA और IB ने तक़रीबन एक दर्ज़न से ज्यादा ऐसे धर्म प्रचारकों और संस्थाओं की सूची बनाई है जिनके बरगलाने पर पकडे गए युवकों ने आतंकवाद का रास्ता चुन लिया है। इस लिस्ट में शामिल प्रचारकों और संस्थाओं पर एजेंसियां लगातार नज़र रख रही है ताकि ये साफ़ हो सके की ये कहीं किसी साजिश के तहत आतंकवाद को बढ़ावा तो नहीं दे रहे हैं और साथ ही इस बात की जांच भी की जा रही है कि ऐसे धर्म प्रचारकों की फंडिंग कहाँ से हो रही है।

आईएस के खिलाफ NIA की चार्जशीट में जिन 14 धर्म प्रचारकों के नाम हैं उनमें ब्रिटेन के अंजेम चौधरी, हमजा अंदरेस, इमरान मंसूर से लेकर अमेरिका के हमजा यूसुफ औऱ ऑस्ट्रेलिया के शेख फैज मोहम्मद जैसे नाम शामिल हैं। हालांकि इन लोगों पर किसी तरह का आरोप नहीं लगाया गया है लेकिन ये जरूर कहा गया है कि आईएस से जुड़े कई लोगों ने इन लोगों के भाषणों को सुनने की बात कही है। NIA के मुताबिक़ ये प्रचारक एहतियात बरतते हुए सीधे सीधे आतंक वाद का समर्थन करने के बजाय अमेरिका पर हमला करते हुए उसे इस्लाम का सबसे बड़ा दुश्मन देश क़रार देते हैं और इसके खिलाफ लड़ने वाले संगठन को सही ठहराते हैं।हालांकि एनआईए की चार्जशीट में जाकिर नाईक का नाम नहीं है। लेकिन जाकिर को लेकर रोज हो रहे नए खुलासों के बाद जाकिर की मुश्किलें बढ़ना भी तय हैं।

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