नेपाल के एक गांव में महिलाओं को पीरियड आने पर अपना ही घर छोड़ना पड़ता है। यहां एक छौपाड़ी नाम की प्रथा है जिसके तहत माना जाता है कि महिलाएं पीरियड के दौरान ‘गंदी’ होती हैं।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इश्वरी जोशी नाम की लड़की ने बताया कि जब वह 15 साल की थी तो उसे पहली बार पीरियड आया। उस दौरान उसे 9 दिन घर से बाहर रहना पड़ा। वह घर के बाहर ही सोती थी।

धमीलेख नाम के गांव में करीब 100 परिवार रहते हैं। इस गांव में कुछ ऐसी झोपड़ियां भी बनाई गई हैं जिसमें महिलाओं को पीरियड के दौरान रहने के लिए भेजा जाता है। इन झोपड़ियों में ठीक से बिस्तर भी नहीं होते और कई महिलाएं इन्हें एक साथ शेयर करती हैं।

dailyo.in में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इन झोपड़ियों में अलग-थलग कर दी जाने वाली महिलाओं को न तो खाना बनाने दिया जाता है और न ही नहाने के लिए गांव के पानी को इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाती है। इश्वरी की साथी निर्मला कहती हैं- ‘ऐसा कहा जाता है कि अगर पीरियड के दौरान कोई महिला गाय को छू दे तो गाय दूध नहीं देगी।’

इतना ही नहीं, महिलाओं को टॉयलेट भी नहीं जाने दिया जाता। उन्हें दूर खेतों में जाना पड़ता है। चार दिन झोपड़ियों में रहने के बाद महिलाओं को नहाने के लिए कहा जाता है और उन्हें गाय के पेशाब से शुद्ध होना पड़ता है। इसके बाद ही वे अपने घरों में सामान्य जिंदगी के लिए लौट सकती हैं। 22 साल की लक्ष्मी ने कहा कि जब उन्होंने ऐसा करने से मना किया तो उनके पेरेंट्स गुस्सा हो गए, हालांकि, उनके भाइयों ने उनका साथ दिया।

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