मरने के बाद शरीर को मिट्टी में ही मिल जाना है। यह धार्मिक मसला है कि शव को दफनाना है या फिर उसे जलाना है। लेकिन केरल के एक परिवार ने अपने एक रिश्तेदार कि मौत के बाद उसके शरीर को ना तो दफनाया और ना ही उसे आग के हवाले किया। बल्कि 3 महीने तक उसे यह सोच कर घर में ही रखा कि शव के सामने तंत्र मंत्र पढ़कर वे उसे वापस ज़िंदा कर देंगे।

दरअसल हुआ यूं कि 50 साल के एक व्यक्ति की मौत के बाद भी परिजन ने उसे इस उम्मीद में नहीं दफनाया कि उसकी सांसें लौट आएंगीं। पुलिस ने वी. सैयद नामक इस व्यक्ति का शव मल्लापुरम स्थित उनके घर से बरामद किया। 50 साल के सैयद मध्य-पूर्व देश में काम करते थे। वहां से लौटने के बाद वह मौलवी के रूप में काम करने लगे थे। मकान में पिछले तीन माह से कोई आवाजाही नहीं होने व बदबू आने की पड़ोसी की शिकायत के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। घर का दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो पाया कि सैयद का कंकाल बन चुका शव रखा हुआ था।

पुलिस कार्रवाई के वक्त मौके पर पहुंचे स्थानीय पार्षद ने बताया कि सैयद के शव के पास फर्श पर बैठकर उनकी पत्नी, दो बच्चे व एक बेटी इबादत कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पड़ोसियों ने बताया कि यह परिवार कभी किसी से बातचीत नहीं करता था और खुद में व्यस्त रहता था।

कोलाथुर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले में आरंभिक रूप से हत्या का शक नहीं है। परिवार का यह विश्वास था कि मृत व्यक्ति की सांसें लौट आएंगी, इसलिए सभी प्रार्थना कर रहे थे। परिजन को भी पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत की वजह पता चल सकेगी। हो सकता है यह स्वाभाविक मृत्यु का मामला हो और कोई षड्यंत्र नहीं हो।

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