नोटबंदी के बाद डिजिटल इंडिया और कैशलेस इंडिया की बड़ी-बड़ी बातें करने वाली बीजेपी ने कैश की बजाए लोगों को ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के सपने दिखाए। उन्हें समझाया कि अगर वो 5 रुपये की चाय भी कहीं पीते हैं तो कैश के बदले ऑनलाइन पेमेंट करें। लेकिन सवाल ये खड़ा होता है कि भारत को कैशलेस ट्रांजेक्शन का रास्ता दिखाने वाली केन्द्र सरकार और बीजेपी क्या खुद कैशलेस हो पाई है ? तो ये पूरी खबर पढ़कर आपको इस सवाल का जवाब आसानी से मिल जाएगी।

दरअसल बीजेपी नेता कैशलेस इंडिया बनाने की बातें तो जरूर करते हैं लेकिन सच्चाई ये भी है कि बीजेपी मुख्यालय में अभी तक कैशलेस ट्रांजेक्शन की शुरूआत तक नहीं की गई है। ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल इंडिया संवाद की खबर के मुताबिक बीजेपी के मुख्यालय में बड़ी संख्या में बीजेपी और संघ के इतिहास से जुडी कई पत्र पत्रिकाएं बेचीं जाती हैं।

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