भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है और यहां हर धर्म और मजहब को समान रूप से देखा जाता है। यहां शिक्षा के पाठ्यक्रम में भी यही सिखाया जाता है कि सर्वधर्म समभाव हो। लेकिन उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के एक सरकारी स्कूल में राष्ट्रगान और प्रार्थना पर पाबंदी लगाने का मामना सामने आया है। हिंदी अखबार जागरण की रिपोर्ट के अनुसार स्कूल में 15 दिनों से राष्ट्र गान नहीं हो रहा था। घटना बांदा से 10 किलोमीटर दूर जौरही गांव के प्राइमरी स्कूल की है। राष्ट्रगान गाने पर रोक लगाने का आरोप हेडमास्टर शाजिया परवीन पर है। स्कूल के बच्चों और गांव वालों ने भी इस बात की पुष्टि की है। मामला सामने आने के बाद हेडमास्टर और एक अन्ये अध्या्पिका शैलेंद्री देवी को सस्पेंड कर दिया गया है।

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जानकारी के अनुसार पिछले कई दिनों से इस संबंध में अधिकारियों को शिकायत मिल रही थी। इसके बाद पिछले सप्ताह एसडीएम ने स्कूल का निरीक्षण किया था और डीएम को कार्रवाई करने की सिफारिश की थी। हालांकि अधिकारी राष्ट्रगान बंद कराने वाली बात दबा गए। स्कूल की एक टीचर शैलेंद्रि देवी ने बताया कि हेडमास्टर शाजिया परवीन ने बच्चों की प्रार्थना सभा और राष्ट्रगान पर रोक लगा दी है। यह रोक 4 जुलाई से लेकर करीब 20 जुलाई तक रही। इसके बाद कार्रवाई की गई और शाजिया परवीन को भी स्कूल से हटा दिया गया। वहीं मामले का खुलासा करने वाली शैलेंद्री देवी को फिलहाल गलत आचरण के चलते सस्पेंड किया गया है।
स्कूल में पढ़ने वाले एक बच्चे ने बताया कि बड़ी मैडम ने राष्ट्रगान से मना किया। बच्चों ने तो यह भी बताया कि हेडमास्टर मैडम सरस्वती वंदना, प्रार्थना और राष्ट्रगान को बंद करा कर, हाथ उठाकर अल्लाह-ओ-अकबर पढ़ने को बोलती थी। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी इसे अध्यापिकाओं का आपसी विवाद बता रहें हैं।

Courtesy: LAFDATV

 

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