आपने चोरी की वारदातों से बचने के लिए लोगों को अपनी गाड़ियों और घरों को जंजीर से बांधते तो जरूर देखा और सुना होगा। लेकिन कभी किसी ट्रेन को लॉक से बांधते सुना है। एक बार में तो आप भी चौंक गए होंगे कि आखिर ट्रेनों को जंजीर से बांधने की क्या आवश्यकता है? ऐसे में हम आपको ज्यादा उलझन में नहीं डालते हैं और सीधे मुद्दे पर आते हैं। यहां प्लेटफार्म पर आते ही ट्रेन को चेन से बांध दिया जाता है।
sam0266
ऐसा ट्रेन के चोरी हो जाने के डर से नहीं किया जाता बल्कि यहां ढलान होने की वजह से ट्रेन अपने आप न चल पड़े, इसलिए प्लेटफार्म पर आते ही ट्रेन को चेन से बांध दिया जाता है। राजस्थान के बाड़मेर रेलवे स्टेशन से कई बार ढलान की वजह से ट्रेन अपने आप दौड़ पड़ी है। एक बार तो एक ट्रेन करीब 20 किलोमीटर तक बिना ड्राइवर के चली गई और एक बैरियर से टकराने के बाद ही रूकी थी। ऐसे में रेलवे को यही हल सूझा। हालांकि रेलवे ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नया ट्रैक भी बनाया है।
1469848927-khaskhabar
दरअसल बाड़मेर प्लेटफार्म पर कई बार ट्रेन के अपने आप दौड़ने की घटनाएं हो चुकी हैं। बाड़मेर से उत्तरलाई की तरफ रेलवे ट्रैक की ढलान होने की वजह से प्लेटफार्म पर खड़ी ट्रेन चल पड़ती है। इस तरह की पिछले तीन साल में तीन बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं।
इसके बाद अब रेलवे ने नया ट्रैक तैयार किया है ताकि ऐसे हादसे दोबारा न हों। जिस ट्रेन को इस स्टेशन में हॉल्ट करना होता है, उसे सुरक्षित रखने के लिए ऐसा किया जाता है। ट्रेन के प्लेटफार्म पर आते ही पहले कर्मचारी ब्रेक लॉक लगाते हैं। इनता ही नहीं उसे चेन से बांधने के बाद उसके पहिये के आगे लकड़ी का गुटका भी लगाते हैं।

 

Courtesy: LAFDATV

No more articles