शहजादी पढ़ने में इतनी तेज रही है कि मात्र पहली की पढ़ाई करने के बाद भी वह जोड़-घटाव आसानी से कर लेती है। साथ ही वह प्रतिदिन पुस्तक निकालकर अपने स्लेट पर नकल लिखती है और लिखने का अभ्यास करती है। शहजादी किसी अन्य सामान का ख्याल रखे न रखे पर अपने बस्ते को अपने से दूर नहीं होने देती।

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